भारत की शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव होने वाले हैं। पहली बार देश से विदेश के बेहतरीन स्कूलों में पढ़ने का मौका मिलने जा रहा है। विश्व प्रसिद्ध विश्वविद्यालय का परिसर भारत में खोला जाएगा। केंद्र सरकार ऑक्सफोर्ड, येल जैसे विश्वविद्यालयों को कैंपस खोलने की इजाजत दे रही है। और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने नए कैंपस के लिए पहले ही नीति का मसौदा तैयार कर लिया है।
यूजीसी ने 5 जनवरी को एक नोटिस जारी कर संबंधित मसौदे पर हितधारकों से प्रतिक्रिया मांगी थी। कल 18 जनवरी तक जवाब देने को कहा गया है। और यूजीसी ने जवाब देने की समय सीमा बढ़ा दी है। फिलहाल इसकी समय सीमा बढ़ाकर 3 फरवरी कर दी गई है। तो यूजीसी के मसौदे में भारतीय धरती पर विदेशी विश्वविद्यालयों के बारे में क्या लिखा है? मसौदे में, प्रवेश, शुल्क या छात्रवृत्ति के लिए छात्रों की पात्रता, भारतीय धरती पर विदेशी परिसरों द्वारा तय की जाएगी। ऐसे में न सिर्फ छात्रों को, बल्कि स्थानीय परिसरों को भी प्रोफेसर या स्टाफ नियुक्त करने की आजादी होगी।
संयोग से, 2020 में, यूजीसी ने केंद्र सरकार की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आधार पर प्रासंगिक मसौदा समझौता तैयार किया है। नई शिक्षा नीति के बारे में कहा जाता है कि इससे दुनिया के बेहतरीन विश्वविद्यालयों को भारत आने में मदद मिलेगी। और यूजीसी ने केंद्र सरकार की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आधार पर नियमों का मसौदा तैयार किया है। संबंधित मसौदा समझौते के अनुसार, कोई भी विदेशी विश्वविद्यालय यूजीसी की मंजूरी के बिना भारत में परिसर स्थापित नहीं कर सकता है नहीं कर सकता साथ ही वे विश्वविद्यालय विश्व के पहले 500 में होने चाहिए या उस देश में प्रतिष्ठित होने चाहिए जहां विश्वविद्यालय का मुख्य परिसर स्थित हो। ड्राफ्ट के मुताबिक इन सभी शर्तों को पूरा करने पर ही भारत में कैंपस खोलने की इजाजत मिलेगी।
कई छात्र उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने का सपना देखते हैं। उनमें छात्रवृत्ति की कमी के कारण उनमें से कई की इच्छा तो होती है लेकिन सामर्थ्य के कारण विदेश में पढ़ने का सपना पूरा नहीं हो पाता। ऐसे में अगर देश में ऑक्सफोर्ड, येल, स्टैनफोर्ड जैसे यूनिवर्सिटी कैंपस खुलते हैं तो कई छात्रों को फायदा होगा। साथ ही जिस तरह से दुनिया की शिक्षा व्यवस्था बदल रही है, अगर किसी विदेशी यूनिवर्सिटी का कैंपस खोल दिया जाए तो पूरे देश के शिक्षा क्षेत्र में एक नई दिशा देखने को मिलेगी।