Vomiting In Pregnancy: क्या आप जानती हैं कि गर्भावस्था के दौरान उल्टी क्यों होती है? जब महिलाएं शादी के बाद उल्टी करती हैं तो उनसे पूछा जाता है कि क्या वह गर्भवती हैं। गर्भावस्था के दौरान उल्टी की समस्या आमतौर पर सुबह के समय सबसे ज्यादा महसूस होती है। मन अशांत रहता है और इस वजह से काफी बेचैनी रहती है। इस समस्या को मॉर्निंग सिकनेस कहते हैं।
गर्भावस्था के दौरान उल्टी होना शरीर के अंदर हो रहे बदलावों का संकेत है। ऐसा नहीं है कि केवल गर्भावस्था के दौरान उल्टी होती है। बल्कि ज्यादातर महिलाओं को गर्भावस्था के छठे हफ्ते से लेकर तीन महीने पूरे होने तक इस समस्या का सामना करना पड़ता है।
इसका सामना करना इतना आसान नहीं है, जितना आसान इसके बारे में पढ़ना या लिखना है। यह स्थिति बहुत परेशान करने वाली होती है और महिलाओं को कमजोर महसूस कराती है। लेकिन प्रेग्नेंसी के कारण उल्टी की समस्या हर महिला को नहीं होती है। यहां जानिए इसके बारे में विस्तार से..
ये भी पढ़े: लांच के पहले चर्चाओ में छाया Royal Enfield Super Meteor 650 2023 ,देखे डिटेल्स !
गर्भावस्था के दौरान उल्टी कितने समय तक रहती है?
- जरूरी नहीं कि गर्भधारण के बाद उल्टी की समस्या हर महिला को हो। एक अनुमान के अनुसार, लगभग 70 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था की पहली तिमाही के दौरान उल्टी का अनुभव होता है।
- वहीं कुछ महिलाओं में यह समस्या पहली तिमाही के बाद भी बनी रहती है। लेकिन यह जल्दी ठीक हो जाता है। हालांकि, कुछ चुनिंदा मामलों में महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान उल्टी का अनुभव हो सकता है। यह स्थिति मां और बच्चे के स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत अच्छी नहीं मानी जाती है। इस स्थिति को मेडिकल भाषा में ‘हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम’ कहा जाता है।
- अगर आप उन महिलाओं में से हैं जिन्हें तीन महीने के बाद भी उल्टी की समस्या रहती है तो घबराएं नहीं बल्कि अपने डॉक्टर से संपर्क करें और उनकी सलाह मानें। आप और बच्चा दोनों सुरक्षित रहेंगे। लेकिन अगर आप उन महिलाओं में से हैं जिन्हें गर्भावस्था के दौरान बिल्कुल भी उल्टी का अनुभव नहीं हुआ, तो चिंता की कोई बात नहीं है। यह पूरी तरह से सुरक्षित और सामान्य स्थिति है।
गर्भावस्था में उल्टी की समस्या क्यों होती है?
- गर्भावस्था के बाद छठे हफ्ते से मतली या उल्टी की समस्या शुरू हो जाती है और यह गर्भाशय में आरोपण की प्रक्रिया के कारण होता है। जब अंडा गर्भाशय के अस्तर से जुड़ जाता है, तो गर्भाशय से जुड़ी नाल मानव कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी) नामक एक हार्मोन की अधिक मात्रा का स्राव करना शुरू कर देती है, जिससे मतली होती है।
- इसके अलावा गर्भावस्था के शुरुआती महीनों में महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर भी बढ़ जाता है, यह उल्टी और जी मिचलाने की समस्या की शुरुआत करने के लिए एचसीजी की तरह काम करता है।
- हार्मोनल असंतुलन के अलावा गर्भावस्था के दौरान मतली और उल्टी का दूसरा प्रमुख कारण धीमा पाचन है। जब खाना सही तरीके से नहीं पचता और हॉर्मोन्स गड़बड़ा जाते हैं तो जी मिचलाना और उल्टी होना परेशान करने वाला होता है।
Latest Posts:-
- इस क्रीमी पालक सूप को पोपी द सेलर मैन जितना स्ट्रांग बनाने की कोशिश करें
- PCOS: क्या आप पीसीओएस से पीड़ित हैं? ऐसे में कुछ बीज आपकी मदद कर सकते हैं
- मात्र 50 पैसे में 1 किलोमीटर जाएगी ये ई-रिक्शा, कीमत जान हैरान हो जाएगे आप
- iPhone में आया ये बड़ा अपडेट नहीं करने पर होगा बड़ा नुकसान, जल्दी देखें
- Health Benefits of Beans: हरी बीन्स की सब्जी खाने से होता है ये बड़ा फायदा, जल्दी देखें
- Anant Ambani Luxurious Cars: इतने करोड़ की कार चलाते हैं अनंत अंबानी, लग्जरी कारों का है तगड़ा कलेक्शन
- क्या आप भी तेल को रीसायकल करते हैं? पूड़ी, भाजी या किसी भी तले हुए खाने के बाद
- सर्दियों में कम पानी पीने से बच्चों में हो सकती है डिहाइड्रेशन, इन फलों से दूर करें पानी की कमी
- सर्दियों में जोड़ों के दर्द से हैं परेशान? अपने आहार में करें इन खाद्य पदार्थों का सेवन, गठिया के लक्षणों से मिलेगी राहत
- भीगे हुए खजूर सेहत के लिए हैं फायदेमंद, जानिए एक बार में कितनी होनी चाहिए मात्रा